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गुरुवार, 5 सितंबर 2013

१५ अगस्त को जो प्रधानमंत्री को भाषण प्रतियोगिता की चुनौती देकर देश को चुनौती भी दे रहे थे और दुनिया के सामने शर्मिंदा भी कर रहे थे । व्याकुल होकर प्रधानमंत्री की कुर्सी की तरफ लपक रहे है लगातार;; आज कह रहे है की प्रधानमंत्री बनने के बारे नहीं सोचना चाहिए । उन्होंने कहा काम के बारे में सोचना चाहिए । सच है उनके काम को दुनिया ने देखा है और अब बंजारा ने भी बताया है । देश समझ रहा है । जय हिन्द । 

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