एक संगठन जिसने आजादी की लड़ाई में गद्दारी किया था काफी दिनों से देश में फासीवाद लाना चाहता है | क्या अब वो फ़ौज को भड़का कर अपना मकसद हासिल करना चाहता है ?? पर भारत की महान सेना अपना कर्त्तव्य जानती है और अपने को उसी तक सीमित रखती है | इन्हें सेना की तरफ से सही वक्त पर सही जवाब मिलेगा |
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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मंगलवार, 24 सितंबर 2013

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