दंगे करने और करवाने वालो की कोई जाती और धर्म नहीं होता । ऐसे लोगो का क्या इलाज है मैं जानता हूँ । मुख्यमंत्री जी की शराफत को ये लोग उनकी कमजोरी न समझे । उससे बड़ी बात ये है की ९९. ९९९९९९९ % लोग दंगे ,नफ़रत , और बदअमनी के खिलाफ है तो वे मिल कर इन लोगो के इरादों को नाकाम क्यों नहीं करते है ? दोस्तों दंगो में इन गुंडों और समाजविरोधी लोगो का कुछ नहीं बिगड़ता है । सब कुछ हमारा आप का बरबाद होता है । इसलिए आइये संकल्प करे और उसके लिए पुरुसार्थ भी करे ,उठ खड़े हो की कोई दंगा नहीं होने देंगे । जय हिन्द ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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शनिवार, 7 सितंबर 2013

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