हिंदुस्तान एक बहु भाषी ,बहु जातीय ,बहु धर्म और बहु परमपरा का देश है जहा मील मील पर भाषा ,बोली ,पानी और परमपरा बदल जाती हैं ,, फिर भी ये देश एक है | सह अस्तित्व इसका अपना मजबूत गुण है | कोई इसे जो चाहे नाम दे मकसद बस इतना है की नफ़रत के लिए यहाँ कोई स्थान नहीं है ,सैकड़ो साल अंग्रेजो ने राज किया वो कुछ नहीं मिटा सके ,सैकड़ो साल मुगलों ने राज किया वे भी कुछ ख़त्म नहीं कर सके क्योकि देश का चरित्र है ये | और इस चरित्र को किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है | वैसे ये सेकुलरिस्म क्या होता है ???
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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बुधवार, 25 सितंबर 2013
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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