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गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

आइए रंगो से बात करे रंगो की बात करे

आइए रंगो की बात करे ,आइए रंगो से बात करे ::

मेरे बगीचे के रंग । अगर ये सभी रंग नही होते तब भी क्या अच्छा लगता मेरा छोटा सा बगीचा ? रंगो से ही तो जीवन है और उसमे सभी रंग होते है । सफेद भी एक रंग ही है पर इसका अर्थ और उसकी खुशी आप की मानसिकता पर निर्भर है ,रंग काला भी है जो कपड़ो में तो फैशन में आता है ऐसे ही रंग केसरिया और हरा भी है । तंग कोई भी हो वो हरी डालियों पर है और उन्हें खुराक हरी पत्तियों से ही मिलती है ।
हर ऐसा नही है तो बिना हरियाली के रंग खिला कर दिखाए कोई , घर को किसी और रंग का बना कर दिखाए कोई , धान, गेहूं, अरहर हो या चना या मूंग और बाजरा बिना हरियाली के उगाए कोई । सब्जियां जो हरी होती है वही पौष्टिक मानी जाती है पर इसका मतलब ये नही की रंगीन टमाटर और हजार पौष्टिक नही है पर क्या करे उनको भी हरी पत्तियों का ही साथ है । गुलाब सफेद हो गुलाबी या पीला पत्तियां तो सफेद ही होती है ।आम हो सेब, पपीता ,अनार या कोई भी फल उसका सहारा भी हरियाली ही है ।
पर घमंड हरियाली को भी नही होना चाहिए क्योंकि ऐसी कोई भी हरियाली जिसमे फल और भोज्य नही वो या तो पशुओं के खाने और चारे के काम आती है या घास हैं अच्छी लगने के बावजूद पैरो से रौंदी जाती है । इंसान खुद प्रेम से उसी पौधे को भी लगाता है जो उसे कुछ देता है , जो काम का होता है कष्टदायक नही होता है जो फल या अन्न देता है । बबूल लोग कहा लगाते है और कौन बैठता है बबूल पर ? कहा बच्चे शैतानी करते है बबूल पर ? बबूल हो या कांटेदार नागफनी वहा लगाए जाते है जहा बाड़ का काम करे और खुद को न चुभे ।
और रंग भी कुछ स्थाई होते है जीवन के लिए जरूरी जैसे फल और अनाज पर मौसमी रंग होते है सिर्फ सजावट के लिए जो मौसम बदलने के साथ खत्म हो जाते है और उनमें बीज हुए तो रख लिए जाते है अगले मौसम के लिए । लेकिन फलों के रंग हरे हो या कैसे भी कई बार इंसान का पीढ़ी दर पीढ़ी साथ दे जाते है वर्षो । अनाज की फसलें भी बीज के रूप में साथ दे रहे है पीढ़ियों से और पीढ़ियों तक ।
इंसान भी कुछ ऐसे हो तो होते है जिनको लोग याद करते है पीढ़ियों तक , कुछ गुण और ज्ञान बोए जाते है पीढ़ियों तक और कुछ फूलो की खुशबू भी रची बसी है न जाने कब से और रहेंगी न जाने कब तक । पर कभी काफी बबूल दिखते थे और नागफनी भी ,बबूल तो खत्म होते जा रहे है और नागफनी कही कही गमलों में सिमटती जा रही है । तलाब में मिलने वाला बेहया तो खुद मनुष्य ही खत्म करता रहता है और रास्ते पर चलते वक्त घाव कर देने वाले पौधों को भी ।
तो आइए हम सभी रंगो को प्यार करे और मान ले संग किसी खास के नही बल्कि सबके है और सभी रंगो से बना बगीचा ही सुंदर लगता है तथा ये भी को चुभने और घायल करने वाले रंग कोई भी हो किसी को पसंद नही है ।
मैं भी कहा कहा चला गया जबकि बता ये रहा था की मेरे छोटे से बगीचे में इस वक्त रंगो की बहार है ।