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खोज नतीजे

गुरुवार, 27 जून 2013

अभी देश के पहाड़ पर टूटी आपदा में चीन का कोई हाथ तो नहीं । वैज्ञानिको और रक्षा विज्ञानियों को इस दिशा में भी जाँच करनी चाहिए की ये कोई अलग तरह का हमला तो नहीं है । मेरी बात अजीब लग सकती है पर ये विचार आने के पीछे दो कारण  है । १ - कोई ऐसी परिस्थिति नहीं दिखलाई पड़ी थी की अचानक ये सब हुआ .मौसम विज्ञानियों ने भी ऐसा कोई लक्षण नहीं बताया था ,,और अचानक ये स्थिति आ गयी जो स्वाभाविक नहीं लगती है ।
२- चीन ने ऐसी विधि इजाद कर लिया है की उसने जब वहा ओलम्पिक खेल हुए थे तो बारिश होने से रोक दिया था । उसके पास बादल को अपने हिसाब से इस्तेमाल करने की विधि है ।
कही ऐसा तो नहीं की उसने भारत पर ये नया किस्म का आक्रमण कर एक प्रयोग किया हो जिससे हमें इतनी बड़ी तबाही झेलनी पड़ी ।
यदि ये सच निकला तो ये सच बहुत भयानक है ।

सोमवार, 24 जून 2013

सेकुलरिस्ट नमक शब्द का इजाद करने वाले [ शब्दों और नारों का इजाद एक संगठन का एकमात्र काम है ] राजनाथ सिंह जयपुर में अल्पसंख्यको की चिन्ताओ पर बात करने के बहाने क्या करने आये थे ? क्या भूलने की प्रार्थना कर रहे थे ? किससे और क्यों दिल जोड़ने आये थे ? जब वो अल्पसंख्यको को मक्खन लगा रहे थे तो क्या ये दक्षिणपंथी कृत्या था ? क्या ये सूडो सेकुलरिस्ट चरित्र नहीं था ? क्या ये फंसा कर हिटलर की तरह घेर कर मारने की साजिश तो नहीं थी ? मैंने कई सवाल किये है देखते है उनके जवाब वे कब और कहा देते है ।
25 करोड़ रूपया और अन्य सब तरह की सहायता देकर तथा हर तरह से साथ देने की बात कर अखिलेश यादव दुखी मन से केवल मदद कर रहे है क्योकि वो आपदा और मौत को राजनीती करने का विषय नहीं मानते है । परन्तु कुछ लोग २ करोड़ रूपया देकर और झूठ फेंक कर जो पकड़ा भी गया तुरंत गन्दी राजनीती कर रहे है ।
मैं ये नाह समझ प् रहा हूँ की तमाम अरबपति और खरबपति बाबा कहा है और उनकी फ़ौज कहा है इस आपदा में जो हिन्दुओ की ठेकेदारी करते है । अब तो आँखे खोलो भारत के लोगो की ये बाबा नहीं बल्कि व्यापारी है और पाखंडी है ।
बाकी हिन्दुओ के ठेकेदार भी दिखलाई नहीं पड रहे है । हाँ तथाकथित राजनीतिक ठेकेदार जरूर अव्यवस्था फैला रहे है ।
हमें ये भी सोचना होगा की ये स्थल सचमुच में उनके लिए बने थे जो सब त्याग कर आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहते थे । ये होटल बजी और पिकनिक के लिए नहीं बने थे । जैसे धरती अपे पर बोझ बढ़ने पर खुद व्यवस्था करती है { माल्थस की थ्योरी के अनुसार } वैसे ही पहाड़ो का भी धैर्य जवाब न दे जाये आगे ऐसा सोचना पड़ेगा । केवल अंधाधुंध कमाई के विचार को भी त्यागना होगा और इस नकली चूहा दौड़ को भी कि पूरे साल सरे प्राध करो , मिलावट करो जहर बेचो , कालाबाजारी करो , छिनाली करो और एक बार जाकर वह पवित्र हो जाओ । भगवन भी ऐसे लोगो को अब बर्दाश्त नही कर पा रहा है । हिन्दू का धर्म तो कहता है की कण कण में भगवन है तो अगर सचमुच आस्था है तो कही भी सच्चे मन से आराधना कर लो ।
एक चिंतन ये भी आया है की जो खुद को नहीं बचा पा रहा है वो किसी को क्या बचाएगा ? जिसको खुद लोगो की मदद की दरकार है उससे क्या मांगने इतनी बड़ी तदत में जा रहे हो ।
अगर इश्वर को मानते हो तो रो क्यों रहे हो और किसी से शिकायत क्यों कर रहे हो । क्यों  नहीं मन लेते की इश्वर ने जो आप के साथ लिखा था वही हुआ । जब ईश्वर ने आप का साथ नहीं दिया तो किसी और से क्या शिकायत ? इसका मतलब तो यही निकला न की आप की इश्वर में आस्था भी नकली है । नहीं तो छाती पीटने का क्या काम ? संतोष से इश्वर की कृपा और मदद का इन्तजार करो और जी नहीं रहे मान लो की इश्वर ने उन्हें अपने पास बुला लिया ।
सच तो ये है की आप ने खुद को इश्वर मन लिया हिया जो आप कर लेते हो या पा जाते हो तो खुद को उसका श्रेय देकर गर्व से फूल जाते हो और जहा आप हार जाते हो या कुछ खो देते हो तो उसे या तो इश्वर पर  देते हो या व्यवस्था को कोसने लगते हो ।
ये हमारी प्रकृति हो गयी है की हम सब बुरा करते जाये और फिर उसे या तो व्यवस्था सम्हाले या इश्वर सम्हाले । तो फिर आपदा तो व्यवस्था नहीं बल्कि इश्वर प्रदत्त है । इसे ख़ुशी से मिल जुल कर झेलो । अगर सिर्फ स्वार्थी बन कर अपने लिए भाग दौड़ करोगे तो वाही होगा जो हुआ यदि उस वक्त भी थोड़े समय के लिए खुद और अपनों के लिए स्वार्थी बनाने के स्थान पर सच्चे इश्वर भक्त और मानव बन गए होते तो बहुत कुछ तो इश्वर की कृपा से वह मौजूद सबने खुद बचा लिया होता । पर इश्वर की इस परीक्षा में भी फ़ैल हो गए  वो लोग जो तथाकथित रूप से इश्वर भक्त बन कर गए थे ।
ऐसा है की सभी के समग्र विचार का समय है ।

रविवार, 23 जून 2013

जयपुर में इ टी वी द्वारा आयोजित कोनक्लेव में भाषण देने और गुलाबी नगरी की खूबसूरती और इतिहास की धरोहरें देखने के बाद अभी आगरा लौटा हूँ । इ टी वी का ये कार्यक्रम ५४ देशो में करोडो लोगो द्वारा लाइव देखा गया । राजनाथ सिंह ,सलमान खुर्शीद ,के आर रहमान केंद्रीय मंत्री ,मोहसिना किदवई ,मुनव्वर रना ,के सी त्यागी ,अतुल अनजान ,संतोष भारतीय ,रजा मुराद ,कालवे सादिक ,एक शंकराचार्य ,आर जे दी के पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुखी साहब , केंद्रीय अल्सनखुअक आयोग के अध्यक्ष ,रशीद मसूद ,सहित कई प्रमुख लोगो ने अपने विचार व्यक्त किये , मैं थोडा तीखा हो गया था श्री राजनाथ सिंह के प्रहसन पर और अपने दोस्त सलमान खुर्शीद की शाब्दिक बाजीगरी पर । ये मेरा स्वाभाव है की मैं न तो झूठ बर्दाश्त कर पता हूँ और न अनर्गल बातें । पता नहीं साथियों आपमें से किसने सुना और कैसा लगा । आज मीट टू द प्रेस था प्रेस क्लब में । पर बहुत अच्छा मेरा ये पहला दौरा था जयपुर का । अच्छा लगा जयपुर ,अच्छी व्यवस्था ,सड़कें ,लोगो का अनुशासन और वहा मिले लोकेश कुमार सिंह का अच्छा साथ सब बहुत अच्छा रहा ।
माननीय मुलायम सिंह यादव जी से एक दिन पहले की गयी बातें मेरे बहुत काम आई ।

सोमवार, 17 जून 2013

भारत में अल्पसंख्यको के सामने क्या क्या चुनौतिया है दोस्तों ? केवल सच्चे हिंदुस्तानी ही विचार दे हिटलर वादी नहीं । सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पढ़ने पर आँखें खुल जाती है और उनकी आँखे भी खुल जानी चाहिए जो नफ़रत का व्यापार करते है । खैर आइये विचार करें अल्पसंख्यको के सामने चुनौतियों पर और उसके निदान पर । लाइक करने के बजाय अपने विचार लिखिए ।

शुक्रवार, 14 जून 2013

               मुझे भी ईटीवी द्वारा आगामी २२ जून को जयपुर में रास्ट्रीय स्तर पर; अल्पसंख्यको के सामने चुनौतियां ; विषय पर आयोजित कानक्लेव् में अपने विचार व्यक्त करने का निमंत्रण मिला है।
             इस कार्यक्रम में राजस्थान और उतरांचल के मुख्यमंत्री ,भाजपा के रास्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ,शाहनवाज ,फिल्म क्षेत्र के रजा मुराद और महेश भट्ट ,शिया गुरु कल्वे जावेद , कांग्रेस  के रहमान खान ,रशीद मसूद ,सहित बड़ी संख्या में राजनेता ,धर्म गुरु और विद्वान भी विचार व्यक्त करेंगे ।
            ये कार्यक्रम २२ जून को दोपहर २;३० बजे से इटीवी तथा इसके उर्दू चैनेल पर पूरा लाइव टेलीकास्ट होगा । 

गुरुवार, 13 जून 2013

देश में विभिन्न दल अपने कामो के लिए लोगो को लगाते रहते है और हटाते रहते है । चूँकि ये दलों के अन्दर चलती रहने वाली सामान्य प्रक्रिया है इसलिए इसकी कभी चर्चा नही होती ,ये एक सामान्य समाचार बन कर रह जाता है ।
पर इधर ये कुछ ज्यादा चर्चित है मीडिया में । पता नहीं क्या नहीं क्या रहस्य है इसके पीछे । क्यों कुछ बातो की ऐसे चर्चा हो रही है जैसे बंगला देश की विजय प्राप्त किया हो । नाई ,नाई ,कितने बाल वली कहावत शायद चरितार्थ होने वाली है ।

बुधवार, 12 जून 2013

महापुरुषों को चुराने का खेल शुरू हो गया । खुद के इतिहास में तो कोई है नहीं । आजादी की लड़ाई में क्या भूमिका थी पता है सभी को । पर जो दूसरी लड़ाई में थे और अपने कर्मो से महापुरुष कहलाये अब उनकी फोटो सामने रख कर लड़ाई होगी । ये महापुरुषों की चोरी और उनका इस्तेमाल का आइडिया भी बड़ा धासू है । पर इतिहास के पन्ने पलटे गए तो खेल उल्टा पद जायेगा । जय हिन्द ।
मैंने; समचार दबाओ ज्यादा चर्चा न हो ; वाला पोस्ट डाला था लोगो को बहुत बुरा लगा था । जरा इमानदारी से बताइए क्या मेरा सच नहीं साबित हुआ ? क्या वैसा ही नहीं हुआ मीडिया के बड़े हिस्से में ?

मंगलवार, 11 जून 2013

पांच लाख गाँवो से कितने लाख तन लोहा इकठ्ठा होगा और उससे कितने लाख त्रिशूल या तलवारे बनेगी और वो किस काम आयेगी ?
भीष्म पितामह को शरशैया का कष्ट नजर आया ,दुर्योधन ने आँख दिखाया बोला द्रौपदी तेरी क्या लगती है ? बुरा लगे तो आँख फेर ले पर खबरदार गर कुछ बोले । भीष्म अब इन्तजार में है की कोई अर्जुन बाण मारे और उन्हें तारे । ये एक पुरानी कहानी है । कई बार कहानिया दोहराई जाती है । पर यहाँ इसका क्या मतलब ? समझने वाले समझ गए न समझे वो अनाड़ी ईईई हैं न्न्न्न्न्न्न्न । जय हिन्द ।

सोमवार, 10 जून 2013

एक स्कूल का बच्चा कह रहा था ;; भागो जनता पीटेगी ;; पता नहीं उसका क्या मतलब था ? क्यों वो ऐसा कह रहा था ? कोई समझे तो मुझ अज्ञानी को भी जरूर बता दे ।
नागपुर से आदेश आ गया की इस समाचार को दबाओ । ज्यादा चर्चा न हो । देखे भाई जी लोग क्या करते है ।
गोवा के समुद्र मंथन से निकला अमृत स्तीफा । मीडिया में बैठे नेकरियो की तीन दिन तक बड़ी मेहनत किया पर ----पर इस समुद्र मंथन को करने वाला नाग कौन है और उसका फन किधर देख रहा है ।
लगता है की आज के युग में भी कुछ लोग अज्ञानी है । उन्हें नहीं पता की निमोनिया का बहुत अच्छा टीका आ गया है बहुत साल पहले और वो लगवा लो तो निमोनिया हो ही नहीं सकता है हाँ बुढ़ापे में थोडा ध्यान नहीं रखने पर हो सकता है पर उसका सटीक इलाज मौजूद है । जय हिन्द ।
समाज में एक ऐसा वर्ग है जो सहयोगी तो ठीक रहता है पर जहा कही भी नेतृत्व का मौका मिला वही सब मिटा देते है । इतिहास भी यही बताता है और इधर का अनुभव भी ऐसा ही है । कौन सा वर्ग ?? आप जानो ।
अडवाणी जी अपनी प्रतिष्ठा बचाइए । शायद थोड़ी देर पहले कही गयी मेरी बातें नहीं समझने वालो को अब धीरे धीरे समझ में आएगी । भाजपा के बारे में एक स्कूल के बच्चे के मुह से मैंने सुना था की ये ;; भागो जनता पीटेगी ;;; है । पता नहीं छोटे से बच्चे ने ऐसा क्यों कहा ।

रविवार, 9 जून 2013

ऐसा इतिहास बताता है की बहुत से लोग जो प्रदेशो के बड़े नेता थे ,शेर की तरह दहाड़ते थे ,तमाम लोगो को हजम कर गये ,बहुत सफल मुख्यमंत्री थे ,प्रशासन उनसे कांपता था वे दिल्ली आकार प्रधानमंत्री तो दूर बहुत ही फ्लाप सासंद और नितांत फ्लाप मंत्री साबित हुए । गली और दिल्ली में बहुत अंतर है । देश बहुत बड़ा है ,बहुत से समुदाय बड़ी संख्या में रहते है और अगर हिटलर सारी कोशिश कर भी किसी समुदाय को मिटा नहीं पाया तो भारत में तो और भी मुश्किल है । भारत को चलाने के लिए बड़ी सोच ,बड़ा दिल और बड़ा दिमाग चाहिए । मैंने नाम किसी का नहीं लिया पर यहाँ लोग नाम लिए बिना नहीं मानेंगे । बस एक ही नारा है हिन्दुस्तान का जय हिन्द । कोई नया गढ़ने की कोशिश न करे ।
दोस्तों कही लिख कर रख लेना मोदी का काम हो गया । उनकी और अडवाणी की किस्मत बिलकुल एक जैसी है ।
आज फिर से मेरी धारणा पुष्ट हो गयी की आप किसी संघी को दोस्त ,सहपाठी ,पडोसी या रिश्तदार समझ कर मिल रहे हैं और बात कर रहे है तो गलती कर रहे है । वो हर वक्त सोते जगते केवल संघी होता हैं और उसी के एजेंडा के लिए बात करता है ,काम करता है और आप को नफ़रत या साजिश की निगाह से देख रहा होता है । ऐसा कभी कम्यूनिस्टो के साथ भी था ।
अब लगता है की संघी से बात करते हुए हर वक्त दिमाग में रखना होगा की वो बस संघी है ,यानि स्वाभाविक सम्बन्ध के लिए कोई स्थान नहीं बल्कि  बस ------
कहा चक्कर में पड़ गए सब लोग । अडवाणी बीमारी की कहानी नहीं बनाते तो गोवा की गपशप को इतना प्रचार कहा मिलता । संघ के मीडिया प्रकोष्ट में बैठे लोग इतना काम नहीं कर पाते । पर कही राजनाथ सिंह ने भी काम तो नहीं कर दिया मोदी का । लो बीटा अब झेलो तमाम विवाद और मैं निर्विवाद रह कर समय पर काम आऊंगा ;;;देश के भाई ।
आई पी एल तो देखा और फिक्सिंग भी सुना पर अब ये मोदी नाम का कोई गेम शुरू हो गया क्या ।वही फिक्सिंग वही साजिश । क्या होगा मेरे देश का ।कोई तो बताये कोई तो बचाए ।