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मंगलवार, 19 जुलाई 2011

मेरा शहर है आगरा | आगरा मेरा क्यों सारे प्रेम में विश्वास करने वालो शहर कहा जाता है ,चाहे आगरा वालो के दिल में कोई प्यार हो या नहीं हो | आगरा में है ताजमहल इससे आगरा का नाम अंतररास्ट्रीय क्षितिज पर भी जाना जाता है | पता नहीं ताजमहल बनवाना शाहजहाँ की कोई सनक थी या सचमुच मुमताज से उसका प्यार इतना गहरा था | कुछ लोग कहते है की यदि मुमताज से इतना प्यार था तो और कई पत्नियाँ क्यों थी ? मुमताज की मृत्यु के तुरंत बाद शाहजहाँ ने तुरंत उसकी छोटी बहन से निकाह क्यों कर लिया ?खैर ये सवाल ऐतिहासिक बहस के सवाल है ,इससे आगरा के लोगो को और ताजमहल को प्रेम का प्रतीक मान चुके लोगो को कुछ भी लेना देना नहीं है | उन्हें तो सिर्फ प्यार जताने का बहाना चाहिए वो सच्चा हो या बनावटी | पूरी दुनिया से जो भी भारत आता है, वो कोई आम आदमी हो या रास्त्रपति ,प्रधानमंत्री या राजा वो ताजमहल देखने जरूर आता है | ताजमहल का अभूतपूर्व सौन्दर्य और स्थापत्य कला देखने या प्रेम की प्रेरणा लेने | आगरा गौरव से सर उठा कर कहता है ताजमहल उसका है पर कही मन के अन्दर से एक टीस भी सर उठा कर उसे कचोटने लगाती है और वो सोचने लगता है की ताजमहल उसे दिया क्या ? ताजमहल उसे दिया ज्यादा है या छीना ज्यादा है | आगरा में बहुत से उद्योग थे | यहाँ का ढलाई का कारोबार पूरे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा चूका था | लाखों के पास रोजगार था इस व्यवसाय के कारण पर ताजमहल की तथकथित तौर पर खूबसूरती बचने के लिए सारे कारखाने बंद कर दिए गए | अचानक एक झटके से आगरा बेरोजगार हो गया आगरा को चौबीस घंटे बिजली देने वाला बिजलीघर भी बंद हो गया | बजाज स्कूटर का कारखाना लगाने वाला था पर नेताओं ने लगाने नहीं दिया | उषा पंखे का कारखाना भी तथकथित मजदूर आन्दोलन की भेंट चढ़ गया | वादा किया गया था की आगरा को इलेक्ट्रोनिक शहर बनाया जायेगा | अब यहाँ सोफ्टवेयर पार्क बनेगा ,एस इ जेड यानि स्पेशल इकनोमिक ज़ोन बनेगा | यदि ऐसा होता तो नॉएडा और गुडगाँव की तरह आज आगरा भी नौकरियों का शहर होता ,सचमुच अंतर रास्ट्रीय शहर बन बन गया होता | पर इस जिम्मेदारी को निभाने की जिन पर जिम्मेदारी थी वे सभी अपनी जिम्मेदारी से मुहं मोड़े रहे | इस शहर की पता नहीं सहनशीलता या तटस्थता का और केवल अपने मतलब में डूबे रहने का स्वाभाव ,जागते रहने का आभाव की जो भी सम्बंधित अफसर आये वे भी आये एक थैला लेकर और लौटे कई ट्रक भर कर और जिन नेताओं को जनता ने चुना उन सबकी गरीबी ही दूर नहीं हो गयी बल्कि पीढ़ियों का इंतजाम हो गया वो चाहे किसी भी दल को हो किसी भी विचारधारा के हो पर मेरा आगरा गरीब ही रह गया | मेरा आगरा लगातार छला गया और लगातार छला जा रहा है | पर आगरा बहुत सहनशील है और इसकी सहनशीलता का कोई कितना भी इम्तहान ले ले आगरा अपना इम्तहान देता रहेगा ,आगरा अंगड़ाई नहीं लेगा | ये जाना बूझा सच है की जो अपनी लड़ाई अपने पूरे मन से लड़ता वही अपना हक़ हासिल करता है और जो लडेगा नहीं वो कुछ पायेगा नहीं ,इच्छित या अनिच्छित | जब तक राजा लड़ते थे और उनके लिए उनकी जनता भी लड़ती थी तब तक राजा जीतते थे राजा ही हारते थे | जब जनता ने लड़ाई अपने हाथ में ले लिया ,जहा भी अपने हाथ में ले लिया वहा जनता जीती यह दुनिया का इतिहास है | पर मेरा आगरा लड़ाई झगड़े में विश्वास नहीं करता ,हा थोडा बहुत करता है ,अफवाहों की लड़ाई में ,जातियों की लड़ाई में ,धर्म की लड़ाई में भी, कभी कभी सड़क पर छोटी बातो की लड़ाई में | पर मेरा आगरा अन्दर बहुत दुखियो भी है .पर ये अपना दुःख दिखने में विश्वास नहीं करता है ना | लोग यहाँ आते है ये सोच कर की एक अंतर रास्ट्रीय शहर में जा रहे है पर आकर देखते है गन्दगी ,विकास का आभाव ,गन्दा पानी ,गन्दी जमुना ,हर जगह दलाली करने वाले रोजगार के समुचित अवसर नहीं होने के कारण धोखा देने वाले ,एक का सामान सौ में बेचने की कोशिश करने वाले या नक़ली सामान बेचने वाले | पर सच मानिये मेरा आगरा सचमुच ऐसा नहीं करना चाहता मजबूरी में कर बैठता है | \ मेरा आगरा बोलता है तो खूब बोलता है ,कोई सुने या नहीं सुने, कोई बुरा मने या अच्छा पर ;भैये ,गुरु इत्यादि ऊंची आवाज में आप को हर जगह सुनने को मिल जाएगी | पानी नहीं देगा प्रशासन तो अपना जेट पम्प लगाव लेते है ,बिजली नहीं आती तो अपना जेनरेटर खरीद लेते है ,सुरक्षा के लिए कानूनी ना सही गैर कानूनी हथियार रख लेते है ,चौकीदार रख लेते है और दीवारे तथा दरवाजे बहुत ऊंचा बना लेते है | देखा है कोई इतना सहनशील शहर ?मेरे शहर की मिसाल तो पूरी दुनिया में नहीं मिलेगी |\ पर मेरा आगरा जब चीखेगा नहीं ,जब तक सड़क पर फैसलाकुन लड़ाई के लिए उतरेगा नहीं क्या उसे इसी तरह छला जाता रहेगा सभी द्वारा ?क्या मेरे आगरा को उसका दर्जा और उसका हक़ नहीं मिलेगा | आज नॉएडा और गुडगाँव करीब करीब स्लम बन गए है | आगरा से नॉएडा जोड़ने वाली सड़क किसी भी दिन चल पड़ेगी और जीतनी देर में लोग दिल्ली में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचते है उतनी देर में आगरा पहुचेंगे | नया रेल ट्रैक तैयार हो रहा है दो घंटे से कम समय में लोग दिल्ली से आगरा पहुचेंगे | क्या ऐसा नहीं हो सकता की बिल्डरों को जमीन देने के स्थान पर प्राधिकरण पहले एस इ जेड को जमीन दे और बिना किसी बाधा के सारे विभाग कम कर दे तथा दुनिया के उन तमाम संस्थानों को सन्देश भेजे की आइये आगरा और स्थानों से ज्यादा सुविधा देने को तैयार है ,आइये कोई परेशान नहीं करेगा ,कोई घूस नहीं मागेगा ,कोई चौथ नहीं मागेगा ,कोई नेता आप के विकास और रोजगार के कम में आड़े नहीं आयेगा |क्या ऐसा हो सकता है ? जब दूसरे प्रदेशो के अलग अलग दल के नेता आपसी विवाद भुला कर देश के प्रधानमंत्री और दूसरे मंत्रियों के पास जा सकते है अपने प्रदेश और क्षेत्र के विकास के लिए तो आगरा और आगरा परिक्षेत्र के नेता ,संपादक ,लेखक ,शिक्षक ,सामाजिक कार्यकर्त्ता और सभी क्षेत्रों के लोग मिल कर ये प्रयास क्यों नहीं कर सकते ? अपने स्वार्थ को पीछे रख कर ये सभी कुछ समय क्यों नहीं निकल सकता मेरे आगरा के सार्थक विकास के लिए | केवल अपना पेट तो सड़क का कुत्ता भी भर लेता है | कुछ तो फर्क होना चाहिए उसमे और हममे | क्या आगरा उठ खड़ा होने को तैयार है | क्या आगरा साफ़ पानी कभी पिएगा ? क्या आगरा बेईमानी पूर्ण बिजली व्यवस्था से और इसकी आंख मिचौली से कभी मुक्ति पायेगा ?क्या आगरा अंतर रास्ट्रीय हवाई अड्डा पायेगा ? क्या आगरा में एस इ जेड स्थापित कर आगरा का नाम सचमुच अंतर रास्ट्रीय शहरों की तर्ज पर विकसित हो पायेगा ? क्या आगरा अधिकारीयों की केवल चापलूसी करने से ऊपर उठ कर उनसे वो काम करवा पायेगा जो उसका काम है ? क्या नेताओं के लिए केवल वोट डालने के स्थान पर सही चुनाव कर उनसे हिसाब मांग पायेगा ? क्या आगरा लड़ना सीख पायेगा अपने हकों के लिए अपने भविष्य के लिए अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए ? दोस्तों मेरे आगरा के बहुत से सवाल है पर मेरा आगरा कब बोलेगा ?क्या सचमुच आगरा बोलता है और नहीं बोलता तो अब कब बोलेगा ? आइये मेरे आगरा को मिल कर जगाये ,इसे कुम्भकर्णी नीद से जगाएं और आगरा को महान आगरा बनाये | आगरा का नाम सचमुच अंतर रास्ट्रीय क्षितिज पर चमकाएं | आइये दोस्तों इस ब्लॉग को आगरा का ब्लॉग बनायें और आगरा के जो भी लोग जहा भी रहते है उनको इससे जोड़े | मै भी जोडूं आप सब भी जोड़े और जो जहा है ,जिस भी हैसियत में है उसे आगरा के लिए कुछ जो वो कर सकता है करने के लिए मनाएं | आइये आगरा के लिए चिंता करने वालो की एक फ़ौज बनाये और इसकी चिंता भी करे और चिंतन भी | खुद भी खड़े हो और लोगो को भी खड़े होने को मजबूर करे | आइये जोर से आवाज लगाइए और बोलिए की " आगरा बोलता है" |

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