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मंगलवार, 27 जून 2017

कल अपने मित्र प्रोफ डॉ आर सी मिश्र नयूरो सर्जन जिन्हें मैं अपने क्षेत्र का जीनियस मानता हूँ से काफी दिन बाद मिलने गया | बहुत व्यस्त रहते है वर्ना तय तो ये था की वो मेरे घर आयेंगे और कुछ लम्बी चर्चा होगी बिना बाधा के |
पर उनकी मजबूरी है की उनका असमय उनका रहा ही नहीं | अच्छा भी रहा बहुत कुछ ज्ञान मिला और कभी मन में पीड़ा आ जाती है कई तरह की तो मैं लोगो से कहता रहां हूँ की कुछ देर किसी खतरनाक बीमारी के अस्पताल में बैठ जाओ और लोगो को देखो शायद अपनी पीड़ा बहुत छोटी लगने लगेगी |
यही मेरे साथ हुआ उन दो घंटो में जब तक वो मरीज देखते रहे और मैं तरह की मर्ज और पीडाएं देखता रहा |
और
सोचता रहा की इश्वर ने खुद मनुष्य को बनाया है अपनी कारीगरी से और पैदा किया है माँ पिता को माध्यम बना कर फिर सही सलामत क्यों नहीं पैदा किया है इतनी बीमारियाँ क्यों दे दिया है इन्सान को |
या तो पैदा ही मत करो इश्वर या फिर पूर्ण स्वस्थ ,पूर्ण सुखी ,सिर्फ अच्छाइयों के साथ सब पापा और बुराइयों से दूर क्यों अनहि रखते सभी इंसानों को ? क्यों दे दिए इतनी तरह के कष्ट की कष्ट भी शायद जार जार रो पड़ता होगा देख कर |
मुझे तो कुछ ऐसा ही लगा |
और मुझे अपनी दिक्कते बहुत छोटी लगने लगी फिर कुछ समय उनके साथ चाय पर अकेले थोड़ी सी अन्य चीजो पर चर्चा हुयी |
उनकी दी गयी जानकारियां और मेरी जानकारियां तथा वर्षो से बनी मेरी धरना बिलकुल विपरीत थी |
मुझे लगता है उसके लिए उनके साथ कुछ अधिक समय बैठने की जरूरत है |
क्योकि जरूरी नहीं की जो हम जानते है वही सत्य हो और वो नहीं सत्य कुछ और है तो स्वीकार कर लेने में बुराई भी क्या है |
देखते है क्या निकलता है और क्या होता है |
पर एक सच्चाई जरूर बता दूँ की उनकी कही काफी बाते सत्य साबित हुयी है पूर्व में |
ना ना ज्योतिष नहीं ज्ञान ,अनुभव और हजारो लोगो से मिलकर प्राप्त जानकारियों के कारण और इसके लिए उन्हें सलाम |