नकली रास्त्र्वादियो से सावधान ---किसी मुसलमान ने वन्देमातरम नहीं गया
या वहां से चला गया तो देश पर आफत आ गयी ,पर जब रहमान ने वन्देमातरम कुछ इस
तरह झूम के गया की जिन्हें नहीं भी पता था उन्हें भी याद हो गया बंदेमातरम
और ये गली गली पहुच गया तो वही ताकते मौन साध गयी । ये ताकते अपने संगठन
के दफ्तर पर रास्ट्रीय झंडा नहीं फहराती है और जन गन मन रास्ट्रीय गान होने
पर कुछ सेकेंड रुकने के बजाय उतनी देर भी जमाखोरी ,कालाबाजारी और
मुनाफाखोरी में व्यस्त रहती है की कुछ सेकेंड भी बरबाद क्यों करे तब इनकी
देश भक्ति कहा चली जाती है ?? जय हिन्द ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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खोज नतीजे
बुधवार, 28 अगस्त 2013
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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