राहुल गाँधी देश के सामने आये किसी मुद्दे पर तत्काल कुछ कहते क्यों नहीं है । समझ नहीं पाते की कहना है या उस चीज की जानकारी उन्हें देर दे लगती है ??? कहा रहते है ? अख़बार नहीं पढ़ते और टी वी नहीं देखते है ? कोई कांग्रेस में उनका वफादार नहीं है जो तुरंत जानकारी भी दे और ये भी लिख कर देदे की क्या बोलना है । दिल्ली में नौजवान विजय चौक पर पहुँच गए चुप , एना ने आन्दोलन खड़ा कर दिया चुप ,चीन घुस गया चुप ,पाकिस्तान ने हमारे जवान मार दिए चुप ,कल आप की पार्टी और सरकार को खूब गलिय पड़ी चुप । आखिर आप की प्रथमिकता क्या है राहुल जी ? देश में क्या होगा जब आप तुरंत बोलेंगे और देश ये समझ सकेगा की आप भी कोई जागरूक व्यक्ति या नेता है देश के ??? देश सब कुछ बहुत गौर से देख रहा है और आकलन कर रहा है । इतिहास खुद नही बनता बल्कि लोग बनाते है जिनमे बनाने का दम होता है । कठपुतलियां कभी न तो समाज बदलती है और न इतिहास बनाती है । बाबु समझे न ,खिलाडी है कोई अनाडी है कोई । जय हिन्द ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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सोमवार, 12 अगस्त 2013
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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