सिंगापूर की एक घटना है । भारत में जब इंदिरा गाँधी जी की हत्या हो गयी तो वहां के भारतीय लोगो ने उस घटना के खिलाफ जुलुस निकला और सिख विरोधी नारे लगाये । वह के प्रधानमंत्री ने तत्काल भारतीय समाज के प्रमुख लोगो को बुलाया और कहा की यदि आप लोग भारत की राजनीती यहाँ करना चाहते है तो तय कर लीजिये की या तो यहाँ के नागरिक बन कर रहिये और ये मामले यहाँ की सरकार पर छोडिये या फिर सभी लोग अपना सामान बांध ले और मैं भारत वापस जाने का इंतजाम कर देता हूँ । उसके बाद आज तक फिर कोई ऐसी घटना नहीं घटी ।इसलिए वो सिंगापूर है । जहा कोई उत्पादन नहीं है ,केवल ४५ किलोमीटर लंबा है पर जब मैं वहां गया था तो वहां का डालर भारत के ६ छ रुपये के बराबर था और आज ३० रुपये से कही ज्यादा है । वहां के प्रधानमंत्री ने पहले अपने घर के आसपास घास और पेड़ लगाया जब उग गया तो देश को संबोधित किया की जब कभी आप मेरे घर के आस पास से निकले तो परिवर्तन देखियेगा और अगर मेरा किया आप को अच्छा लगे तो आप लोग भी वैसा करने का प्रयास करे अपने देश को हरा भरा बनाये । आज सिंगापूर में आप कई दिन घूम लीजिये और धुल का कोई कण आपके कपड़ो पर नहीं मिलेगा । ---- जब ऐसा कडा फैसला ,सन्देश और ऐसा सकारात्मक नेतृत्व होगा तबन तब ये सब भी ठीक होगा और बाकि सब भी ठीक हो जायेगा । जय हिन्द । सिंगापूर की एक घटना है । भारत में जब इंदिरा गाँधी जी की हत्या हो गयी तो वहां के भारतीय लोगो ने उस घटना के खिलाफ जुलुस निकला और सिख विरोधी नारे लगाये । वह के प्रधानमंत्री ने तत्काल भारतीय समाज के प्रमुख लोगो को बुलाया और कहा की यदि आप लोग भारत की राजनीती यहाँ करना चाहते है तो तय कर लीजिये की या तो यहाँ के नागरिक बन कर रहिये और ये मामले यहाँ की सरकार पर छोडिये या फिर सभी लोग अपना सामान बांध ले और मैं भारत वापस जाने का इंतजाम कर देता हूँ । उसके बाद आज तक फिर कोई ऐसी घटना नहीं घटी ।इसलिए वो सिंगापूर है । जहा कोई उत्पादन नहीं है ,केवल ४५ किलोमीटर लंबा है पर जब मैं वहां गया था तो वहां का डालर भारत के ६ छ रुपये के बराबर था और आज ३० रुपये से कही ज्यादा है । वहां के प्रधानमंत्री ने पहले अपने घर के आसपास घास और पेड़ लगाया जब उग गया तो देश को संबोधित किया की जब कभी आप मेरे घर के आस पास से निकले तो परिवर्तन देखियेगा और अगर मेरा किया आप को अच्छा लगे तो आप लोग भी वैसा करने का प्रयास करे अपने देश को हरा भरा बनाये । आज सिंगापूर में आप कई दिन घूम लीजिये और धुल का कोई कण आपके कपड़ो पर नहीं मिलेगा । ---- जब ऐसा कडा फैसला ,सन्देश और ऐसा सकारात्मक नेतृत्व होगा तब कोई भारत में भारत को गाली नहीं देगा ,ये सब भी ठीक होगा और बाकि सब भी ठीक हो जायेगा । जय हिन्द ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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खोज नतीजे
मंगलवार, 13 अगस्त 2013
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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