बीजेपी ,आर एस एस ,विश्व हिन्दू परिषद् और इनके समर्थक सभी साधू संत तथा अन्य सभी समर्थक भी क्या एक सवाल का जवाब दे सकते है --- ६ साल आप की ही सरकार थी गली से दिल्ली तक तब आप को ये यात्रायें याद नहीं आई ?? तब भगवान राम की याद नहीं आई और क्या वो ६ साल मंदिर बनाने की याद नहीं आई ? या आपने शुरू किया था पर काम अधूरा रह गया ???? बड़ी कृपा होगी ,प्रदेश पर , देश पर , समाज पर और विशेषकर हिन्दू समाज पर अगर आप सभी कुछ जवाब दे सकें ;;;;;; प्लीस ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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रविवार, 25 अगस्त 2013
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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