जो लोग आज़ादी की लडाई में जब अंग्रेजो भारत छोड़ो कहना था तो दुम दबा कर
या तो कही छुप गए या अंग्रेजो के मुखबिर हो गए ,अब आज़ादी के इतने सालो बाद
नारा लगा रहे है की अब देश को लोकतंत्र से मुक्त करो और अकेले हमारा
फासीवादी राज लाओ ।
सब दलों को खत्म करने की मांग कर रहे है ये ।आज उत्तर प्रदेश की धरती पर भी यही कहा गया ।
एक चुनाव क्या जीत गए जनता से झूठ बोल कर और भारत से लेकर अमरीका तक के अपवित्र साधनों का इस्तेमाल कर के और उसके बाद सभी वादों से मुकर कर अपनी अयोग्यता और अक्षमता सिद्ध कर भी अपने बारे में इतनी ग़लतफ़हमी पैदा हो गयी है ।
सब दलों को खत्म करने की मांग कर रहे है ये ।आज उत्तर प्रदेश की धरती पर भी यही कहा गया ।
एक चुनाव क्या जीत गए जनता से झूठ बोल कर और भारत से लेकर अमरीका तक के अपवित्र साधनों का इस्तेमाल कर के और उसके बाद सभी वादों से मुकर कर अपनी अयोग्यता और अक्षमता सिद्ध कर भी अपने बारे में इतनी ग़लतफ़हमी पैदा हो गयी है ।
क्या कहते है आप साथी ? क्या ये नारा लोकतंत्र का नारा है ? क्या इनके
मंसूबे चकनाचूर करने को मुझे कमर नहीं कस लेना चाहिए और क्या इस मुहीम पर
निकल नहीं जाना चाहिए साथियों की मदद लेकर ।
मैं इनके इरादों को ध्वस्त कर दूंगा ।वादा रहा ।
मैं इनके इरादों को ध्वस्त कर दूंगा ।वादा रहा ।
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