लगता है की आज के युग में भी कुछ लोग अज्ञानी है । उन्हें नहीं पता की निमोनिया का बहुत अच्छा टीका आ गया है बहुत साल पहले और वो लगवा लो तो निमोनिया हो ही नहीं सकता है हाँ बुढ़ापे में थोडा ध्यान नहीं रखने पर हो सकता है पर उसका सटीक इलाज मौजूद है । जय हिन्द ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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सोमवार, 10 जून 2013

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