महंगाई
और केंद्र सरकार की लगातार होती वादाखिलाफी तथा सारी बुराइयों से ध्यान
हटाने के लिए संघ के 24 मुह में से कोई न कोई किसी न किसी तरह का वक्ताव्य
देता रहेगा ।
हम उनके वक्तव्यों में उलझे तो समझ लीजिए ये लोग अपने खेल में सफल हो गए ।
इसलिए ये कुछ भी बोलते रहे उस पर उलझने के बजाय इनको उन मुद्दों पर बोलने को मजबूर करिए जिन्हें कह कर ये सत्ता में आये ।
हम उनके वक्तव्यों में उलझे तो समझ लीजिए ये लोग अपने खेल में सफल हो गए ।
इसलिए ये कुछ भी बोलते रहे उस पर उलझने के बजाय इनको उन मुद्दों पर बोलने को मजबूर करिए जिन्हें कह कर ये सत्ता में आये ।
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