आज मैंने रामबारात के अवसर पर जनकपुरी में मुख्य अतिथि के रूप में एक परंपरा का विरोध करते हुए उसे मानने से इनकार कर दिया ।
इन मंचो पर हर बार मंत्रियो और अधिकारियो को अतिथि के रूप में बुला कर सम्मानित किया जाता है ।
इस बार मैं मुख्य अतिथि था तो मैंने इस परंपरा से इंकार करते हुए इस मंच पर माला पहनने और सम्मानित होने से इनकार कर दिया ।
चाहे स्वरुप ही सही पर ये भगवांन का मंच है उस पर भगवान् के आलावा और कोइ कैसे समानित हो सकता है ।मैंने आगे के लिए भी आयोजको से आग्रह किया की ये परंपरा बंद करे ।
कल शाम केंद्रीय मंत्री वालियांन और बीजेपी के नेताओ ने इसी मंच पर मुकुट धारण कर अपना स्वागत करवाया था ।वो लोग राम भक्त है इसलिए ये कर सकते है पर मैं असली राम को जानने और समझने वाला हूँ इसलिए मैंने ये किया ।
अब सही गलत का फैसला तो सचमुच की श्रद्धालु जनता ही कर सकती है ।हे राम हे राम हे राम ।
इन मंचो पर हर बार मंत्रियो और अधिकारियो को अतिथि के रूप में बुला कर सम्मानित किया जाता है ।
इस बार मैं मुख्य अतिथि था तो मैंने इस परंपरा से इंकार करते हुए इस मंच पर माला पहनने और सम्मानित होने से इनकार कर दिया ।
चाहे स्वरुप ही सही पर ये भगवांन का मंच है उस पर भगवान् के आलावा और कोइ कैसे समानित हो सकता है ।मैंने आगे के लिए भी आयोजको से आग्रह किया की ये परंपरा बंद करे ।
कल शाम केंद्रीय मंत्री वालियांन और बीजेपी के नेताओ ने इसी मंच पर मुकुट धारण कर अपना स्वागत करवाया था ।वो लोग राम भक्त है इसलिए ये कर सकते है पर मैं असली राम को जानने और समझने वाला हूँ इसलिए मैंने ये किया ।
अब सही गलत का फैसला तो सचमुच की श्रद्धालु जनता ही कर सकती है ।हे राम हे राम हे राम ।
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