1. राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय अखंडता
  2. लोकतंत्र
  3. सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता (सर्वधर्मसमभाव)
  4. गांधीवादी समाजवाद (शोषण-मुक्त समरस समाज की स्थापना के लिए गांधीवादी दृष्टिकोण)
  5. मूल्य आधारित राजनीति
सम्मेलन में पारित प्रस्तावभाजपा के प्रारंभिक सम्मेलन में पारित प्रस्तावों का स्पष्ट और विस्तृत विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों में सीमित है, लेकिन यह निश्चित है कि पार्टी ने अपने गठन के समय गांधीवादी समाजवाद और सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता को अपनाने का संकल्प लिया। इन प्रस्तावों में निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया गया था:
  • आर्थिक नीति: गांधीवादी समाजवाद के तहत सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण विकास, और शोषण-मुक्त समाज की स्थापना पर बल।
  • धर्मनिरपेक्षता: सर्वधर्मसमभाव के सिद्धांत को अपनाते हुए सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान और सहिष्णुता।
  • राष्ट्रवाद: राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता।
  • लोकतंत्र: लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शी शासन व्यवस्था को बढ़ावा देना।
  • अंत्योदय: समाज के सबसे कमजोर वर्गों के उत्थान पर जोर, जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन से प्रेरित था।
इन प्रस्तावों का उद्देश्य भाजपा को एक ऐसी पार्टी के रूप में स्थापित करना था जो कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभरे, और जो राष्ट्रवादी, लोकतांत्रिक, और समावेशी मूल्यों पर आधारित हो।अटल बिहारी वाजपेयी का भाषण1980 के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में गांधीवादी समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को पार्टी की नीतियों का आधार बताया। उन्होंने जोर दिया कि भाजपा एक ऐसी पार्टी होगी जो भारत को एक सशक्त, समृद्ध, और एकजुट राष्ट्र बनाएगी। उनके भाषण के कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार थे:
  • गांधीवादी समाजवाद: वाजपेयी ने कहा कि भाजपा गांधीवादी समाजवाद के सिद्धांतों पर आधारित आर्थिक नीतियों को अपनाएगी, जिसमें ग्रामीण विकास, स्वदेशी, और सामाजिक समानता पर जोर होगा। यह समाजवाद न तो मार्क्सवादी होगा और न ही पूंजीवादी, बल्कि भारतीय मूल्यों पर आधारित होगा।
  • सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता: उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा का धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान और सहिष्णुता है, न कि धर्म को नकारना। यह सर्वधर्मसमभाव के सिद्धांत पर आधारित था।
  • राष्ट्रीय एकता: वाजपेयी ने राष्ट्रीय अखंडता और एकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत की विविधता इसकी ताकत है, और भाजपा इस विविधता को एकजुट करने का काम करेगी।
  • लोकतंत्र और मूल्य आधारित राजनीति: उन्होंने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार-मुक्त और मूल्य आधारित राजनीति को बढ़ावा देगी, जो जनता के हितों को सर्वोपरि रखेगी।