नदियों की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के सिचाई विभाग ने 6000 करोड़ रूपया जारी किया है । इसमें आगरा की यमुना नहीं है । जिस दिन जारी करने का बयां आया उसी दिन मैंने सिचाई के प्रमुख सचिव से बात किया । अब पत्र दे रहा हूँ की आगरा में ताजमहल से एक किलोमीटर पूर्व से कैलाश तक यमुना की भी सफाई करवाया जाये ।अंतररास्ट्रीय शहर है और जबरस्त पेय जल संकट से भी जूझ रहा है । यदि बरसात से पहले ही इतनी दूर की [ desalting ] सफाई हो जाये तो करीब 6 फुट तक जमा पोलिथिन इत्यादि साफ़ हो जाएगी । यमुना में इतनी बड़ी झील बन जाएगी और बरसात के बाद एक तरफ पेय जल संकट ख़त्म होगा ,दूसरी तरफ ताजमहल की सुरक्षा और खूबसूरती दोनों बढ़ेगी । तीसरा पानी को ताल मिलेगा तो वाटर लेबल बढेगा ,जीव जन्तुओ को जीने का माहौल मिलेगा । देखे क्या होता है । पर चुने हुए लोगो को फुर्सत ही नहीं है इन चीजो को जानने और इनके लिए प्रयास करने के लिए ।
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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बुधवार, 17 अप्रैल 2013
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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