कुछ देश के साथ द्रोह तथा जनता के साथ वादा द्रोह करने वालो के कर्मो और संकुचित विचारो के विरोध को हिन्दू विरोध बता कर इनके कुकर्मो को ढकने की भरपूर कोशिश हो रही है |
इन मुट्ठी भर का विरोध १२०.९९ करोड़ महान हिन्दुओ का जो इनके विचारो के खिलाफ है और इंसानियत तथा हिंदुस्तानियत में में यकीन करते है उनका विरोध कैसे हो जाता है |
अब ऐसा भी मजाक मत करो भाई लोग |
इन मुट्ठी भर का विरोध १२०.९९ करोड़ महान हिन्दुओ का जो इनके विचारो के खिलाफ है और इंसानियत तथा हिंदुस्तानियत में में यकीन करते है उनका विरोध कैसे हो जाता है |
अब ऐसा भी मजाक मत करो भाई लोग |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें