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शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

फर्जी आंकड़े और हवाबाजी तथा उसकी आड़ में मोटा घोटाला करने में प्रशासन तंत्र को महारत हासिल है ।रोज करते है और कल भी ऐसा ही कुछ करेंगे ।
इनका राज जानना है की ये हर प्रधान मंत्री ,मुख्यमंत्री और मंत्री को कब्जे में कैसे ले लेते है और फिर हारने के दिन तक नहीं निकलने देते है ।
हारने के बाद पहचांनते ही नहीं है ।
आप इनसे जायज काम भी बिना घूस दिए नहीं करवा सकते । आप दे दो तो कानून और नियम की दूसरी व्याख्या और न दो तो बिलकुल उलट व्याख्या ।
या फिर इनका बड़ा नुक्सान करने की ताकत हो आप में ।
देश की आज़ादी इन्ही के लिए आई और राजा खत्म हो गए पर लोकतन्त्र में ये नए उनसे ज्यादा आततायी और मजबूत तथा उनसे ज्यादा बुराइयो से युक्त राजा पैदा हो गए है और भारत इनके जुल्मो से और भरस्टाचार से कराहने लगा है ।
नेहरू जी ने सबसे बड़ा पाप इनको 1947 में 15 अगस्त को ज्यो का त्यों स्वीकार कर के किया था और वो आज़ादी के बाद की सबसे बड़ी भूल थी जिसका खामियाज़ा देश पता नहीं कब तक भुगतेगा ।
पता नहीं कब कोई पैदा होगा इंदिरा गांधी की तरह जिसने राजाओ की हैसियत को खत्म किया था और बो इन राजाओ को खत्म करेगा ।
राजनैतिक आकाओ की अपने प्रति हींन भावना तथा इन लोगो के प्रति कॉम्लेक्स कब ख़त्म होगा ।

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