Wikipedia

खोज नतीजे

सोमवार, 21 सितंबर 2015

कृपया महान नेता जी सुभाषचंद्र बोष को बदनाम मत करिये और उनको कायर तो किसी हालात में मत सिद्ध करिये ।

जो व्यक्ति इतनी बड़ी ब्रितानिया सरकार से नहीं डरा बल्कि बिना साधनो के फ़ौज खड़ी कर दी और इतने राष्ट्रों को साथ खड़ा कर लिया तथा भारत की भूमि पर झंडा फहरा दिया , जो भारतीयो के दिलो पर राज करता था ।

अगर वो जीवित होते तो छुपते नहीं बल्कि देश के किसी कोने से भी आवाज लगा देते की मैं यहाँ हूँ तो करोडो देशवासी उधर ही दौड़ पड़ते और पूरा देश उन्हें सर पर उठा लेता ।

और किस देश की आज़ादी के बाद आज़ादी के लिए लड़ने वालो को युद्ध अपराधी कह कर किसी देश को सौपा गया है कि ये मुद्दा जेरे बहस हो ।

बल्कि मेरा विश्वास है की तत्कालीन सभी नेता भी उनकी अगवानी में खड़े हो गए होते क्योकि वो आदर्शो का युग था और संघर्ष का साथ खून के रिश्तों से भी पक्का और मजबूत होता है ।

इसलिए मेरी विनती है की अपने को नेताजी का कहने वाले या उनको बिलकुल नहीं जानने वालो दोनों लोग ही मेरी जिंदगी के पहले आदर्श और नेता को बदनाम न करे और कायर सिद्ध न करे ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें