आगरा प्राइवेट कंपनी टोरंट के खिलाफ उसके वादा खिलाफी और इस्ट इंडिया कंपनी जैसी उत्पीडन और लूट वाली हरकतों के कारण आंदोलित है । जो विपक्ष में रहता है वो इस कंपनी के खिलाफ बोलता है और सत्ता में आते ही इस कंपनी के साथ हो जाता है । बिजली व्यवस्था इस कम्पनी को देने से लगा था की इससे प्रदेश को भी फायदा होगा और जनता को भी । परन्तु प्रदेश को करोडो का चूना लग रहा है ये विभागीय औडिट से सामने आया और जनता को जो सपने दिखाए गए थे वे पूरी तरह झूठे साबित हुए । जिनके बिल आते थे 100 रूपया उनके 150 से 200 तक हो गए । वादा किया गया था की जेनरेटर ,इन्वेर्टर और स्टेब्लायिजर की जरूरत ख़त्म हो जाएगी पर सब कुछ ज्यो का त्यों है ,कुछ नहीं बदला । बल्कि बिजली ज्यादा जाती है ,और कंपनी का एकमात्र उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पैसे वसूलना है न की कोई सुविधा देना और सुधारना ।
इसलिए जनता आंदोलित है । अब देखना है की जनता जीतती है या कंपनी ? सरकार जनता के साथ खड़ी होती है या गोपनीय कारणों से कंपनी के साथ ?पर जनता में भारी रोष है कटौती से ,ज्यादा बिल से ,उत्पीडन से और कंपनी के लोगो के दुर्व्यवहार से और नेताओ के बदलते हुए आचरण से ।
देखते है की जनता का ये गुस्सा कहा तक जाता है और क्या गुल खिलाता है ?/??????
इसलिए जनता आंदोलित है । अब देखना है की जनता जीतती है या कंपनी ? सरकार जनता के साथ खड़ी होती है या गोपनीय कारणों से कंपनी के साथ ?पर जनता में भारी रोष है कटौती से ,ज्यादा बिल से ,उत्पीडन से और कंपनी के लोगो के दुर्व्यवहार से और नेताओ के बदलते हुए आचरण से ।
देखते है की जनता का ये गुस्सा कहा तक जाता है और क्या गुल खिलाता है ?/??????
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