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बुधवार, 2 दिसंबर 2015

क्या मिला है किसी भी देश के चरमपंथियों को आजतक कुछ बेगुनाहो की हत्या कर के और देशो को युद्धों से ही क्या हासिल।हुआ है तबाही के सिवाय ।इतिहास और अनुभव तो यही बताता है की कुछ भी हासिल नहीं हुआ है तो फिर ये सब क्यों जारी है लगातार ।
बहुत हो गया अब बंद होना चाहिए शैतानियत का ये तमाशा ,मौत का खेल और खून की ये होली ।

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