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मंगलवार, 4 मई 2021

आपदा मे अवसर गिद्धो और इन्सानो को

आपदा में अवसर गिद्धों के लिए भी मनुष्यों के लिए भी —-

ऐसे समय में जब सिख समुदाय , सारे गुरुद्वारे , बहुत सी मस्जिदें और मुस्लिम संगठन अपनी क्षमता अनुसार सचमुच इस आपदा में लोगों की मदद कर रहे है 
बहुत से संगठन और लोग व्यक्तिगत रूप से भी लोगों की मदद करने का प्रयास कर रहे है जिनमें सबसे बड़ी संख्या उन लोगो की है जिनका मीडिया या सोशल मीडिया में कोई ज़िक्र नही होता या वो करना नही चाहते है । पिछले लाक डाउन में भी सबको याद होगा ऐसे लोग जो तमाम सामान सड़क के किनारे रख कर जाकर दूसरी तरफ़ गाड़ियों में बैठ गए थे और अपने हाथ से देने में परहेज़ किया । वो ऑटो बाला अपनी सामर्थ्य भर केले बाँट रहा था और बहुत से परिवार जितना सम्भव था उतना पानी खाना और फल तथा नंगे पैर वालों को चप्पले दे रहे थे । पूरा ग्रंथ लिखा जा सकता है पूरे देश के लोगों पर और समाज पर ।
आगरा के नज़ीर अहमद ने पहला एक करोड़ रुपया अपनी तरफ़ से दिया और फिर पूरन डावर , भुट्टो जैसे तमाम लोग जुड़ने लगे और ग़रीबो की मदद के लिए सामान बटने लगा ऐसा पूरे देश में हुआ और इसी ने शाकर का काम किया वरना भूखी भीड़ पूरे देश की सड़क पर होती तो पता नही क्या होता , मुझे याद है एक घटना जब राशन की दुकान पर किसी व्यक्ति को एक सिपाही ने डंडा मार दिया तो लोगों ने दौड़ा लिया था , क्योंकि सरकार और सिस्टम तो कब चीजें ख़त्म होने को हों या स्थिर हो चुकी हो तब जागता है और फ़ैसले लेता है ।
पिछले लोक डाउन में भी सब कुछ चल सका क्योंकि समाज खड़ा हो गया 
ऐसे में एक संगठन आर एस एस है जो सिर्फ़ फ़ोटो सेशन करता है कही झाड़ू लगाते तो कही कुछ बाटते जैसे पुलिस के लोग दिन भर लट्ठ चलाते है तो छवि सुधार के लिए कुछ फ़ोटो वाले काम भी कर लेते है । 
ख़ुद भाजपा और आर एस एस के तमाम लोग दवाई और आकसीजन की मदद माँगते मर गए पर ये संगठन ने उनकी ही मदद नही कर पाया तो और किसकी कर रहा होगा । 
हा ये फ़ोटो सेशन पूरी साफ़ सुथरी वर्दी में ही करते है । मुझे याद है वो घटना जब मैं किसी को छोड़ने आगरा के राजामंडी स्टेशन गया था ।वहाँ साथ पढ़ने वाले कुछ लड़के मिल गए और साथ खड़े होकर बात करने लगे । तभी दूसरी तरफ़ से सीधे बिना रुके जाने वाली ट्रेन खड़ी ट्रेन से टकरा गयी क्योंकि पटती की कैंची बदलने वाले से गलतीं हो गयी थी । रफ़्तार से टक्कर के कारण डिब्बे डिब्बे में घुस गए और चारों तरफ़ बस चीख पुकार थी । अचानक मेरे साथ खड़े संघी लड़के ग़ायब हो गए । स्टेशन के ठीक पीछे मुस्लिम बस्ती है और वहाँ लोहे का तथा बेल्डिंग का काम होता है ।मिनटों में वो सब अपने अपने गैस कटर , हथौड़े इत्यादि लेकर आ गए पचासों की संख्या में और डिब्बों में काट कर जगह बना कर लोगों  निकालने की कोशिश करने लगे । स्टेशन पर मौजूद हम ही नही जो  भी था सब जो भी हो सकता था करने लगा और जिसे मैं छोड़ने गया था उन्होंने भी दूसरी पटती पर आयी ट्रेन छोड़ दिया  की मैं डाक्टर हूँ अभी यहाँ मेरी ज़रूरत है । क़रीब आधे घंटे वो संघी लड़के फिर आए और कपड़े बदल कर अपनी नेकर वाली वर्दी में और साथ में एक फ़ोटोग्राफ़र भी था । 

अगर किसी कालोनी या अपार्टमेंट की तरफ़ से कोई मदद हो रही है तो उसमें भी जो संघी होता है वो वर्दी पहन कर जाता है और एक दो को बुला लेता है और उस पूरी कालोनी के काम को संघ के खाते में दर्द कर देता है ज़ैसे नौकरशाही भी इन मामलों में करती है और बिल बना देती है । 
हा केवल एक राजनीतिक संगठन है कांग्रेस जिसके युवा दिन रात लोगों की मदद कर रहे है यहाँ तक की भाजपा और आर एस एस के लोग भी मुसीबत में उन्हीसे मदद माँग रहे है , पूरी संघी मीडिया भी उन्ही से मदद माँग रही है और दिल्ली में केंद्र सरकार की नाक के नीचे विदेशी दूतावास भी उन्ही से मदद माँग रहे है ।
महान है मेरा देश कहा एक तरफ़ व्यापारी लुटेरे छोटे हो या बड़े इस आपदा में भी जमाख़ोरी और ज़बरदस्त मुनाफ़ाख़ोरी , कालाबाज़ारी करने में लगे है और इन व्यापारियों में ९५% किस संगठन के है ये कोई रहस्य नही है वही दूसरी तरफ़ इसी समाज के आम लोग फ़रिश्ता बने हुए है और धर्म स्थलों में गुरुद्वारे तो देश का पूरी दुनिया सेवा के लिए समर्पित है और पूरी सिख क़ौम तो बड़ी संख्या में मुस्लिम भी और इन्हीं को देखर ये ख़ास वर्दी वाला अब फूल पैंट संगठन भी फ़ोटो सेशन कर ले रहा है ताकि कल शर्मिंदा ना करे लोग । आत्मचितन करो संघियों।

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