आये दिन ये जो
हुक्मनामे फेंके जा रहे है
आप के वजूद पर
आप के चिन्तन पर
ताकि
सीख जाओ आप
तानाशाही मे जीना
अंधे और मूर्खतापूर्ण
आदेशो को मानना
और
जब जब आका कहे
घरो मे कैद रहना
शायद खिड़किया भी
सील हो जाये एक दिन
और दरवाजे भी
आका के बटन दबाने से
ही खुले सब
दिमाग मत चलाओ
जुबान मत हिलाओ
पर सर हिलाओ
जैसे आका कहे
हाँ तो हा, ना तो ना ।
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