जब किसी की छवि लगातार असत्य बोलने और वादाखिलाफी तथा नौटंकी करने वाले की बन जाती है तो फिर वो कुछ भी कर ले इसी तराजू पर उसे तौला जायेगा और उसे इसी दृष्टि से देखा जायेगा ।
सन्दर्भ आज का ही है तथा लेखन में नाम का उल्लेख करना जरूरी नहीं होता है ।
सन्दर्भ आज का ही है तथा लेखन में नाम का उल्लेख करना जरूरी नहीं होता है ।
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