दोस्तों महान देशभक्त और आदरणीय अन्ना जी के सलाहकार प्रशांत भूषण जी ने एक बड़ा देश भक्ति का बयान दिया है की भारत को कश्मीर के अलगाववादियों की बात मन लेनी चाहिए और कश्मीर को अपने से अलग कर देना चाहिए | इतने महान कथन के बाद भी लाखों अन्ना भक्त घरों में बैठे है ,लानत है | तुरंत घरों से निकलिए सर पर टोपी रखिये ,हाथ में झंडा लीजिये ,उस पर प्रशांत जी की फोटो लगाइए और दिल्ली पहुच जाइये | प्रशांत जी को मालाओं से लाद कर इंडिया गेट पर बैठा दीजिये और लाखो की संख्या में वाही बैठ जाइये और तब तक बैठे रहिये जब तक प्रशांत भूषण को भारत रत्न से देश की सरकार अलंकृत नहीं कर देती है या इससे भी अच्छा तो ये हो की तब तक जमे रहिये अन्ना जी समेत जब तक प्रशांत भूषण को देश का प्रधानमंत्री न बना लें आप लोग | मेरी एडवांस में बधाई आप को आप मांग के लिए और प्रशांत भूषण को इस महान कार्य के लिए | अब पता चल गया कि ;भैंस यही बधेंगी; कि कहावत का क्या मतलब है?और आगे शायद कहा गया कि ; बछड़ा मेरे बाप का ; जय हिंद |
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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बुधवार, 12 अक्टूबर 2011
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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