क्या किसी ऐसे व्यक्ति को महान हिन्दुस्तान का राष्ट्रपति होना चाहिए
जिसे पूरी दुनिया में लोकप्रिय कहा जाये ,ये माना जाये की पूरी दुनिया उसे
जानती है और उसकी इज्जत करती है और उस व्यक्ति को अमरीका में दो बार जाँच
के नाम पर जलील किया जाये और वो बेशर्मी से अमरीका में फिर भी चला जाये
बजाय इसके की भारत की प्रतिष्ठा के नाम पर एयर पोर्ट से ही वापस आ जाते ।
क्या कहता है हिंदुस्तान ?
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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गुरुवार, 14 जून 2012
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
शनिवार, 9 जून 2012
पी डी टंडन के बाद सबसे शानदार जीत के लिए मुलायम सिंह जी ,अखिलेश और
डिम्पल को हार्दिक बधाई ,उत्तर प्रदेश को बदलने और सही दिशा में बदलने के
सपने देखते चलो ,सपनो को सिद्धांतों की कसौटी पर कसते चलो ,और सपनो को पूरा
करने का संकल्प करते चलो फिर भविष्य आपका है । यदि विचलित हुए ,कान के
कच्चे हुए ,चापलूसी पसंद हुए ,साथियों पर अविश्वाश करने का रोग पाल लिया
,सारा कुछ अपने ही कंधो पर ले लिया ,सारी जिम्मेदारियां अकेले कंधे पर
उठाने का अवगुण पाल लिया ,,गलत लोगो से घिरे ,गलत सलाहे मानी ,सही लोगो को पहचान कर सही स्थानों पर प्रयोग नहीं किया ,अपने साथियों के बजाय नौकरशाही पर ज्यादा विश्वाश करने का कम किया तो फिर अंधकार ही अंधकार है .।पर मेरी स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाये ।
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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