दोस्तों बी जे पी खुद को पार्टी विद डिफरेंस या अलग चाल ,चरित्र और चहरे की पार्टी कहती है | पर आजकल उसका चरित्रं सारी जनता देख रही है ,पहले सुखराम को कांग्रेस ने निकला था तो बी जे पी ने गले लगा लिया था | पिछले कुछ दिनों से जिन्हें यह पार्टी अपराधी और महाभ्रस्ट कह रही थी दो दिनों में उन्हें ही गले लगा लिया और कहना ये है की बी जे पी तो गंगा है जो सबको पवित्र कर देती है | बाबू सिंह कुशवाहा से लेकर पता नहीं कौन कौन | अभी पता नहीं कौन कौन और पवित्र किया जायेगा ? आप जानते है न की ये वाही लोग है जो भ्रस्ताचार के खिलाफ लड़ाई का भाषण देते है रेड्डी ,यदुरप्पा ,जूदेव और बंगारू लक्ष्मन के साये तले,यही लोग है जिनके सबसे बड़े आका यानि संघ के प्रमुख और बाकी लोग अन्ना साहब को आन्दोलन शुरू करवाने का श्रेय भी ले रहे है और और सारे इंतजाम के साथ भीड़ जुटाने का भी | उनका दोहरा चरित्र तो फिर से चार दिन में ही सामने आ गया | अब देश की जनता और उत्तर प्रदेश की जनता इनके बारे में फैसला करे और इनके संगठनों में मौजूद वे लोग भी जो इन्हें सिद्धांतवादी और किसी तरह का विचारवादी समझ कर इनसे जुड़े है ,उन्हें भी रुक कर सोचना चाहिये ,विचार करना चाहिए और इनका साथ देने और इनके साथ होने पर मंथन करना चाहिए | सत्य सामने है | हाथ कंगन को आरसी क्या पढ़े लिखे को फारसी क्या ? जय हो अलग चल चरित्र और चहरे की | जय हो ऐसी भ्रस्ताचार विरोधी लड़ाई की | जय हिंद |
समाज हो या सरकार, आगे तभी बढ़ सकते हैं, जब उनके पास सपने हों, वे सिद्धांतों कि कसौटी पर कसे हुए हो और उन सपनों को यथार्थ में बदलने का संकल्प हो| आजकल सपने रहे नहीं, सिद्धांतों से लगता है किसी का मतलब नहीं, फिर संकल्प कहाँ होगा ? चारों तरफ विश्वास का संकट दिखाई पड़ रहा है| ऐसे में आइये एक अभियान छेड़ें और लोगों को बताएं कि सपने बोलते हैं, सिद्धांत तौलते हैं और संकल्प राह खोलते हैं| हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं और कहेंगे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा|
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मंगलवार, 3 जनवरी 2012
हा मै हूँ और मेरी तन्हाई मेरे साथ है ,मेरे सपने मेरे साथ है .जिम्मेदारियों का अहसास भी साथ है जो मुझे हारने नहीं देते .अकेलापन ओढ़े हुए मै चल रहा हूँ लगातार की कोई तों मेरी भी मंजिल होगी जहाँ मै रहूँगा और तन्हाई नहीं होगी .चलना ही जिंदगी है .
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